निजी अस्पताल में प्रसव के दौरान महिला की मौत,

कौशाम्बी – जिले में संचालित सैकड़ों निजी नर्सिंग होमों में आए दिन मरीजों की मौतों का सिलसिला जारी रहता है। बावजूद इसके जिले के स्वास्थ्य महकमे से इसका कोई लेना देना नहीं होता। जबकि इलाज के नाम पर जो डिग्री प्राप्त चिकित्सक होते हैं वह सिर्फ इन अस्पतालों के बोर्डों तक ही सीमित होते हैं। इस तरह की संचालित नर्सिंग होमों पर कार्यवाही न होने से सबसे ज्यादा मौतें प्रसव दात्री महिलाओं की होती है।

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प्रसव मे महिला की म्रत्यु

सबसे बड़ी बात यह है कि इन अस्पतालों के पास मानक होता ही नहीं है। बावजूद इसके विभाग इन पर क्यों रहमो करम बरसाए रहता है यह एक सोचनीय विषय है।असरावे गांव निवासी अनिल कुमार किसान है। मंगलवार शाम उसकी पत्नी मीना देवी ;26 को प्रसव पीड़ा हुई। परिजनों ने उसे सरायअकिल के एक निजी अस्पताल में ले जाकर भर्ती कराया। इलाज के दौरान महिला ने बेटे को जन्म दिया।

बेटे के जन्म के बाद अधिक रक्त बहने के कारण महिला की म्रत्यु

बेटे के जन्म के बाद अधिक रक्त बहने के कारण महिला की हालत बिगड़ने लगी। कुछ देर में ही महिला की मौत हो गई। महिला की मौत से परिजनों में कोहराम मच गया। शव घर लाकर परिजनों ने अंतिम संस्कार कर दिया। बहरहाल कुछ भी हो इलाकाई लोगों ने ऐसे संचालित नर्सिंग होमों के मानक व इलाज करने वाले चिकित्सकों के डिग्री की जांच कराए जाने की मांग किया है।

Gudiya Sahu
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Author: Gudiya Sahu